निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025
उपराष्ट्रपति पद के 17वें चुनाव 2025: निर्वाचन आयोग ने जारी की पृष्ठभूमि सामग्री
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 2025 में होने वाले सत्रहवें उपराष्ट्रपति चुनाव की विस्तृत पृष्ठभूमि रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में निर्वाचन प्रक्रिया, संवैधानिक प्रावधानों, निर्वाचन महाविद्यालय की संरचना और नामांकन से लेकर मतगणना तक की संपूर्ण जानकारी दी गई है। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने की अधिसूचना 22 जुलाई 2025 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी हुई।
अनुच्छेद 67 के तहत, निर्वाचित उपराष्ट्रपति पांच-वर्षीय कार्यकाल पूरा करेंगे, जबकि अनुच्छेद 68(2) के अनुसार रिक्ति होने पर “यथाशीघ्र” चुनाव कराना अनिवार्य है।
निर्वाचन महाविद्यालय में लोकसभा के 543 निर्वाचित तथा राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य—कुल 788 सांसद शामिल होंगे; प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 1 रहेगा।
नामांकन पत्र पर कम से कम 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक (सेकंडर) होना अनिवार्य है; प्रतिभूति राशि ₹15,000 निर्धारित है।
मतदान एकल संक्रमणीय मत पद्धति (Single Transferable Vote) से गुप्त मतपत्र द्वारा होगा। गणना में बहुमत (कुल वैध मतदान/2 + 1) प्राप्त करने वाला प्रत्याशी विजयी घोषित होगा।
निर्वाचन कार्यक्रम
रिपोर्ट के अनुसार अधिसूचना जारी होने के 14 दिन बाद नामांकन की अंतिम तिथि तय होगी; स्क्रूटनी अगले दिन तथा नाम वापसी की आखिरी तारीख स्क्रूटनी के दो दिन बाद होगी। मतदान नाम वापसी की तिथि से कम-से-कम 15 दिन बाद संसद भवन, नई दिल्ली में होगा।
निर्वाचन अधिकारी
परंपरा के अनुसार इस बार राज्यसभा के महासचिव को मुख्य रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है और दो सहायक रिटर्निंग ऑफिसर उनकी सहायता करेंगे।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
यह चुनाव 1952 से लेकर 2022 तक हुए 16 उपराष्ट्रपति चुनावों की श्रृंखला की 17वीं कड़ी है। पिछला चुनाव 2022 में हुआ था, जिसमें श्री जगदीप धनखड़ विजयी रहे थे।
क्या बदल गया?
सुरक्षा जमा राशि, प्रस्तावक-अनुमोदक की संख्या और समय-सारिणी पहले ही 1974 में संशोधित हो चुकी थी; 2025 के चुनाव में वही प्रावधान लागू रहेंगे। उल्लेखनीय है कि मौजूदा रिक्ति राष्ट्रपति चुनाव के कारण न होकर उपराष्ट्रपति के त्यागपत्र से उत्पन्न हुई है, अतः चुनाव कार्यक्रम शीघ्र घोषित होने की संभावना है।
नजरें आगे
संसद के दोनों सदनों के कुल 788 सदस्य ही इस महत्त्वपूर्ण चुनाव के मतदाता हैं। चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी और अगस्त 2025 के मध्य तक नया उपराष्ट्रपति चुना जाना तय है। निर्वाचन आयोग ने मीडिया एवं हितधारकों से आग्रह किया है कि वे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट (eci.gov.in) पर अद्यतन सूचनाएं देखते रहें।
“उपराष्ट्रपति चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की एक विशिष्ट मिसाल है, जहाँ विविध राजनीतिक धारणाओं वाले सांसद एक साथ मिलकर देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए प्रतिनिधि चुनते हैं।” – निर्वाचन आयोग की पृष्ठभूमि रिपोर्ट
निर्वाचित उपराष्ट्रपति शपथ ग्रहण के साथ-साथ राज्यसभा सभापति का दायित्व भी संभालेंगे, जिससे संसद के मानसून सत्र में उनकी भूमिका खास तौर पर अहम रहेगी।
उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने की अधिसूचना 22 जुलाई 2025 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी हुई।