पूरी उम्र सेवा, बुढ़ापे में बेबसी–जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की व्यथा-उषा बिरला

जब कोई कर्मचारी अपनी जवानी और पूरी क्षमता सरकार व समाज की सेवा में समर्पित कर देता है, तो बुढ़ापे में उसे सहारा मिलना चाहिए या नहीं? लेकिन यहाँ हालात इसके बिल्कुल विपरीत हैं।

हमीरपुर

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उषा बिरला ने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की स्थिति को अत्यंत चिंता जनक बताया है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों ने अपनी पूरी उम्र मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी से सरकार और समाज की सेवा में लगा दी, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन जैसी बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।

हमीरपुरउषा बिरला ने प्रश्न उठाया कि—

उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद जब तन कमजोर हो जाता है और खर्चे बढ़ जाते हैं, तब इन कर्मचारियों को न तो पेंशन मिलती है और न ही कोई स्थायी आर्थिक सुरक्षा। यह स्थिति बेहद दुखद और अन्यायपूर्ण है।

उषा बिरला ने कहा कि—
“क्या यह न्यायसंगत है कि जिन हाथों ने वर्षों तक व्यवस्था को संभाला, वही हाथ बुढ़ापे में अपनी आजीविका की चिंता करें? क्या यह उचित है कि कर्मचारी अपनी सेवा-निष्ठा का फल चिंता, असुरक्षा और आर्थिक संकट के रूप में पाएं?”

उन्होंने राज्य सरकार और नीति-निर्माताओं से आग्रह किया कि जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की गहरी पीड़ा को समझते हुए उन्हें भी अन्य सरकारी कर्मचारियों की भांति पेंशन का अधिकार दिया जाए।

यह केवल एक मांग नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान का प्रश्न है।
समय आ गया है कि हम इन कर्मियों की आवाज़ बनें और उनके साथ खड़े हों।

उषा बिरला ने कहा कि भाजपा सदैव समाज के हर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और जिला परिषद कैडर कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उषा बिरला ने जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की स्थिति को अत्यंत चिंता जनक बताया है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों ने अपनी पूरी उम्र मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी से सरकार और समाज की सेवा में लगा दी, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन जैसी बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।

Leave a Comment

और पढ़ें

best news portal development company in india

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें